लेखनी प्रतियोगिता -10-Jun-2023 स्वप्न सब साकार हैं
आधार छंद- गीतिका
सृजन शीर्षक-स्वप्न सब साकार है
शूल पथ पर चल रहा जो, स्वप्न सब साकार है।
राह से तुम मत भटकना, लक्ष्य की टंकार है।।
चीरकर मानव ॲंधेरा, आज वो आगे बढ़े।
योजना तुम सब बनाकर ,लक्ष्य के पथ को गढ़े।।
अनवरत तुम आज चलना, आस का दीपक जले।
आसमाॅं को छू हमेशा, नैन हो अंबर तले।।
वक्त के साथी बने जो, स्वप्न सब साकार है।
हर्ष के गाते तराने, उर करे झंकार है।।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा प्रिया ✍️
ऋषभ दिव्येन्द्र
11-Jun-2023 12:19 PM
सुन्दर गीतिका 👏👏👌👌
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madhura
11-Jun-2023 10:28 AM
very nice
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Asif
11-Jun-2023 08:15 AM
सुन्दर सृजन
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